ऋषभ की कविताएँ
रविवार, 16 जुलाई 2023
(समीक्षा) अनुवाद का अनुवर्ती मूल! ◆ डॉ. गुर्रमकोंडा नीरजा
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अनुवाद का अनुवर्ती मूल! डॉ. गुर्रमकोंडा नीरजा मेरे सामने दो किताबें हैं - 2021 में छपी "In Other Words" और 2023 में छपी "...
शुक्रवार, 3 फ़रवरी 2023
दर्द की कोकिला बोली
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हमारी आह के काँधे, तुम्हारी चाह की डोली तुम्हारी माँग में, सजनी! हमारे रक्त की रोली मिटाए भी न मिट पाईं तुम्हारे मन की बालू से हमारी रूप र...
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मुझको मेरा गीत चाहिए
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मुझको मेरा गीत चाहिए वही मुक्त संगीत चाहिए मेरे मथुरा-ब्रज-वृंदावन कालिंदी के तट रहने दो कुरुक्षेत्र मत करो देश को ...
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मंगलवार, 17 जनवरी 2023
तुमको ख़त में क्या-क्या लिक्खूँ?
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तुमको ख़त में क्या-क्या लिक्खूँ? कब-कब हँस-हँस रोया, लिक्खूँ? तारे गिन-गिन रातें काटीं भोर हुई तो सोया, लिक्खूँ? नेह नीर से सींच-सींच कर ...
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शुक्रवार, 18 नवंबर 2022
अश्रद्धा
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क्यों, आखिर क्यों मुझे शर्मिंदा होना चाहिए? मैंने खुद चुनाव किया, इसलिए? मेरा चुनाव गलत था, इसलिए? बस इसी से हक़ मिल गया उसे मेरे 35 टुकड़े ...
मंगलवार, 26 अप्रैल 2022
3 बाल कविताएँ
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3 बाल कविताएँ (रचना काल: 1989/ स्थान:ऊधमपुर) (वैसे ये कविताएँ नहीं है। नन्हें बेटे के नाम पिता के 3 पत्र हैं। 1989 की डायरी में दिख ...
गुरुवार, 22 जून 2017
नान्ना! नुव्वु वॆळ्ळिपोयिनप्पट्नुंची / నాన్నా! నువ్వు వెళ్ళిపోయినప్పట్నుంచీ / जब से तुम गए हो, पिता!
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नान्ना! नुव्वु वॆळ्ळिपोयिनप्पट्नुंची ====================== नान्ना! नुव्वु वॆळ्ळिपोयिनप्पट्नुंची चाला गुर्तॊस्तूने उंदि पल्लॆलोनि मन इल्...
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