ऋषभ की कविताएँ
शनिवार, 18 मार्च 2017
चुप्पी
चुन-चुन कर मार दिए जाएँगे
आज के दौर में
बोलने वाले?
जो चुप हैं
वे तो मरे हुए हैं ही!.
@ऋषभदेव शर्मा
------------------------
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
‹
›
मुख्यपृष्ठ
वेब वर्शन देखें
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें