भारत माता ने महानतम पुत्र अनेक जने हैं
‘बापू’ पद के अधिकारी बस मोहनदास बने हैं.
हम सब उनको आज महात्मा गांधी कहते हैं
भारत के जन गण के मन में सचमुच रहते हैं.
वे अपने जीवन में सबको प्रेम सिखाते थे
सत्य, अहिंसा में निष्ठा का मार्ग दिखाते थे.
सविनय सत्याग्रह से अत्याचारी रुक जाते थे
देख हौसला बलिदानों का दुश्मन झुक जाते थे.
नमक बनाकर निर्भयता का जन संदेश दिया था
‘भारत छोडो’ का अंगेजों को निर्देश दिया था.
स्वाभिमान की ऐसी घुट्टी जनता को पिलवा दी
रक्तपात के बिना ब्रिटिश से आज़ादी दिलवा दी.
अपनी भाषा, अपनी भूषा अपनाना सिखलाया
है स्वराज्य का मार्ग स्वदेशी, चल कर दिखलाया.
ईश्वर-अल्ला के अभेद को दुनिया को समझाया
महिला और दलित लोगों को सब सम्मान दिलाया.
जन्मदिवस दो अक्टूबर यों नई शक्ति भरता है
ऐसे अपने राष्ट्रपिता को देश नमन करता है.
‘बापू’ पद के अधिकारी बस मोहनदास बने हैं.
हम सब उनको आज महात्मा गांधी कहते हैं
भारत के जन गण के मन में सचमुच रहते हैं.
वे अपने जीवन में सबको प्रेम सिखाते थे
सत्य, अहिंसा में निष्ठा का मार्ग दिखाते थे.
सविनय सत्याग्रह से अत्याचारी रुक जाते थे
देख हौसला बलिदानों का दुश्मन झुक जाते थे.
नमक बनाकर निर्भयता का जन संदेश दिया था
‘भारत छोडो’ का अंगेजों को निर्देश दिया था.
स्वाभिमान की ऐसी घुट्टी जनता को पिलवा दी
रक्तपात के बिना ब्रिटिश से आज़ादी दिलवा दी.
अपनी भाषा, अपनी भूषा अपनाना सिखलाया
है स्वराज्य का मार्ग स्वदेशी, चल कर दिखलाया.
ईश्वर-अल्ला के अभेद को दुनिया को समझाया
महिला और दलित लोगों को सब सम्मान दिलाया.
जन्मदिवस दो अक्टूबर यों नई शक्ति भरता है
ऐसे अपने राष्ट्रपिता को देश नमन करता है.
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