छाती पर जेब, जेब में बच्चा, और बच्चा भी नादान .... कैसे और कब तक सम्हालें
छाती पर जेबजेब में पेनउठाना ही होगातेवरी के लिए :)
@पद्म सिंह कविता को नया आयाम देने के लिए आभारी हूँ.@cmpershad वाह! इसे ही शायद पाठक की क्रिएटिविटी कहते हों.
एक टिप्पणी भेजें
3 टिप्पणियां:
छाती पर जेब, जेब में बच्चा, और बच्चा भी नादान .... कैसे और कब तक सम्हालें
छाती पर जेब
जेब में पेन
उठाना ही होगा
तेवरी के लिए :)
@पद्म सिंह
कविता को नया आयाम देने के लिए आभारी हूँ.
@cmpershad
वाह! इसे ही शायद पाठक की क्रिएटिविटी कहते हों.
एक टिप्पणी भेजें