ROUND PALACE
Unbearable stench,
Dampness and decay
Fill the round palace;
Communication with the sun
Has broken down.
Parasites occupying chairs
Push their weight
Into the earth;
They chew up pages
Of a bulky book.
Closed are the doors;
The rubble reaches
Up to the skylights;
Bats make circuit
Day and night.
Let it be buried
In the ground
And be transformed
Into compost.
-Dr. Rishabha Deo Sharma
(Translated by Elizabeth Kurian ‘Mona’)
Unbearable stench,
Dampness and decay
Fill the round palace;
Communication with the sun
Has broken down.
Parasites occupying chairs
Push their weight
Into the earth;
They chew up pages
Of a bulky book.
Closed are the doors;
The rubble reaches
Up to the skylights;
Bats make circuit
Day and night.
Let it be buried
In the ground
And be transformed
Into compost.
-Dr. Rishabha Deo Sharma
(Translated by Elizabeth Kurian ‘Mona’)
['गोलमहल' कई वर्ष पूर्व लिखी मेरी एक छोटी कविता है - एक बंध के गीत जैसी. व्यंग्य मुद्रा के कारण इसे प्रायः पसंद किया जाता है - मुझे तो खैर प्रिय है ही. कभी साहित्य अकादेमी के बहुभाषी कवि सम्मलेन के लिए अपने डॉ. गोपाल शर्मा जी - आजकल कहीं ईस्ट अफ्रीका में भाषाविज्ञान के प्रोफ़ेसर हैं - ने अंग्रेजी में अनुवाद किया था. अब पुनः इसी कविता का एक और अंग्रेजी अनुवाद हैदराबाद की बहुभाषी कवयित्री सुश्री एलिजाबेथ कुरियन 'मोना' ने किया है 'हैदराबाद लिटरेरी फेस्टिवल -२०१२' के लिए. मोना जी के अनूदित पाठ के बाद यहाँ प्रस्तुत है मेरा मूल पाठ और शर्मा जी का पहले का अनूदित पाठ.]
गोल महल
गोल महल में
भारी बदबू,
सीलन औ' अवसाद;
धूप से
टूट गया संवाद .
भारी बदबू,
सीलन औ' अवसाद;
धूप से
टूट गया संवाद .
कुर्सीजीवी कीट
बोझ से
धरती दबा रहे हैं;
बोझ से
धरती दबा रहे हैं;
मोटी एक किताब,
उसी के
पन्ने चबा रहे हैं;
उसी के
पन्ने चबा रहे हैं;
दरवाज़े हैं बंद
झरोखों तक
मलबे की ढेरी;
झरोखों तक
मलबे की ढेरी;
दिवा रात्रि का आवर्तन है
चमगादड़ की फेरी;
चमगादड़ की फेरी;
इसको दफ़न करें मिटटी में
बन जाने दें -
खाद ! o
बन जाने दें -
खाद ! o
The round-about Palace
uncontrolable stench,grimmace and uncouthIn the round -about palaceNo dialogue with the sun .parasites on seats and chairssuck the mould.And chewthe pages of a heavy book.doors,windows shut ,closedNo outside air fresh or free reachmud filled upto the actic.
there is a cycle of day and nightthe bats come and goLet it decay and diethe very compost for fertility!(translated by Dr. Gopal Sharma)
4 टिप्पणियां:
गोल महल में गोलमाल ही है। बढिया रचना है।
बहुत ही बढि़या प्रस्तुति ।
गोल महल की बहुत सी मधुर स्मृतियां दौड़ गई :)
गोल महल दो अनुवादों के बीच में जगह खोज रहा है
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