याद आए तो, नहीं आँसू बहाना
क्यारियों को सींचना, गुलशन सजाना
चित्र तो मैंने जला डाले सभी अब
पत्र सारे तुम नदी में फेंक आना
लोग हाथों में लिए पत्थर खड़े हों
किंतु तुम निश्चिंत हो हँसना हँसाना
फूल-सा बच्चा कहीं सोता दिखे तो
चूम लेना भाल, लेकिन मत जगाना
यह नहीं इच्छा कि मुझको याद रक्खो
मित्र, पर अपराध मेरे भूल जाना
क्यारियों को सींचना, गुलशन सजाना
चित्र तो मैंने जला डाले सभी अब
पत्र सारे तुम नदी में फेंक आना
लोग हाथों में लिए पत्थर खड़े हों
किंतु तुम निश्चिंत हो हँसना हँसाना
फूल-सा बच्चा कहीं सोता दिखे तो
चूम लेना भाल, लेकिन मत जगाना
यह नहीं इच्छा कि मुझको याद रक्खो
मित्र, पर अपराध मेरे भूल जाना
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें