क्यों,
आखिर क्यों
मुझे शर्मिंदा होना चाहिए?
मैंने खुद चुनाव किया, इसलिए?
मेरा चुनाव गलत था, इसलिए?
बस इसी से हक़ मिल गया उसे
मेरे 35 टुकड़े करने का?
बस इसी से हक़ मिल गया तुम्हें
मुझे असंस्कारी सिद्ध करने का?
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और उन हज़ारों का क्या
जिन्हें बाँधा था तुमने संस्कार की साँकल से,
फिर भी जिन्हें हर रात मिले
केवल ज़हरीले सर्प-परिरंभ,
और निगल गए जिन्हें उन्हीं के देवता
मगरमच्छ बन कर? 000
(18/11/2022)